नवरात्र:- माँ महागौरी की पूजा विधि एवं मंत्र

 



चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है.नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है.नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व बहुत अधिक होता है.इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है.मां महागौरी का रंग अंत्यत गोरा है.इनकी चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं.मां का स्वभाव शांत है.


पूजा विधि: इस दिन मां की पूजा के समय उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाएं.इसके बाद सुहाग और श्रृंगार की सारी सामग्री देवी को अर्पित कर दें.इसके बाद मां की धूप व दीप से आरती उतारें, कथा सुनें, इनके सिद्ध मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती उतारें.नवरात्र की अष्टमी तिथि को मां को नारियल का भोग लगाना फलदायी माना जाता है.इस दिन यदि आप कन्या पूजन कर रहे हैं तो कम से कम आठ कन्याओं की पूजा करनी चाहिए.साथ में एक लांगूर जरूर हो.अष्टमी के दिन जो भक्त कन्या पूजन करते हैं, वह माता को हलवा-पूड़ी, सब्जी और काले चने का प्रसाद बनाकर चढ़ाते हैं.इसके बाद ये प्रसाद कन्याओं को भोजन स्वरूप में देते हैं.


मां महागौरी मंत्र

मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

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